सच हो रही है नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी

1. क्या संसार के अलग-अलग भागों मे लगी आग मात्र संयोग है?
2. क्या संसार के अलग-अलग भागों मे आई बाढ़ मात्र संयोग है?
3. क्या संसार के अलग-अलग भागों मे उसर होती जमीन तथा उपज मे आई भारी कमी मात्र संयोग है?

4. क्या संसार के अलग-अलग भागों मे अचानक हुए मौसम मे परिवर्तन मात्र संयोग है?
5 क्या धरती का बढ़ता तापमान खतरे का संकेत नही है?
6. क्या पिघलते ग्लेशियर धरती पर वर्तमान जीवन मे भारी परिवर्तन का संकेत नही दे रहे है?
7. क्या समुद्र का जल-स्तर नही बढ़ रहा है? और निचले स्थलीय भागों के पानी मे डूब जाने तथा उनका अस्तित्व समाप्त हो जाने का खतरा नही बढ़ रहा है?


इस खूबसूरत धरती पर अपना पूर्ण अधिकार समझने वाला,धरती के सभी जीव-जन्तु मे अपने को श्रेष्ठ समझने वाला तथा उपभोग करने वाला आज का बुद्धिमान मनुष्य है। फिर वही मनुष्य इस धरती का विनाश क्यो कर रहा है? क्यो बढ़ते हुऐ खतरों से अंजान बना हुआ है? हम आने वाली अपनी पीढी को कैसी धरती और कैसा पर्यावरण देंगे? आज देर ही नही बहुत देर हो चुकी है। हम कभी भी पूरी नही हो सकने वाली छति की ओर बढ़ चुके है।


शायद कुछ लोग इन बातो को कोरी बकवास समझे। लेकिन यह सच है की कल इस लेख को लिखने के लिए न हम होंगे न आप और न ही इसे पढ़ने के लिए होगी हमारी मानव पीढी।

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