बेटी है दिल के करीब

मेरे घर मे एक नन्ही सी जान घूमती है, कभी इस कमरे मे कभी उस कमरे मेइठलाती, इतराती,अपनी मासूम अदा से हम सबका मन मोहतीवशीकरण मंत्र उसका ऐसा चलता कि चाहे मन कितना भी तनाव मे क्यों हो, समुद्र के गहरे जल जैसा शांत और गोमुख के जल जैसा स्वच्छ हो जाता हैउसके मासूम चेहरे और बोलने का हावभाव बरबस ही ध्यान खीचता हैभोली अदाओ से मन, मन ही मन मुस्कराता है
एक बार सुबह ही सुबह चाकलेट के लिए जिद करने लगी, मैंने भी जान छुड़ाने के लिए शाम को लाने का वादा कियाशाम को जैसे ही घर पंहुचा, बेल बजायी, उसने ही गेट खोलामेरे घर के अन्दर घुसने के लिए कदम उठाने से पहले ही उसने सवाल दागा- "पापा चाकलेट लाये हो"? मै सन्न रह गया, काम के धुन मे सुबह का किया वादा भूल गया थासामने आखो मे प्रश्नवाचक भाव देख कर समर्पण किया, बोला-" अभी लाया"। फिर वादे को निभाना पड़ा