मन की चाह

ख्यालो की उड़ान लिए ,
बैठ खटोले मे निकला ,
विश्व भ्रमण की चाह लिए ,
मै मन अरमान लिए ,
देखू नर-नारायण को ,
खेतो मे जो मर मिटता है ,
दाता है जो अन्न का ,
किंतु खाली है जिसका पेट ,
ख्यालो की उड़ान लिए ,
बैठ खटोले मे निकला ,
विश्व भ्रमण की चाह लिए ,
मै मन अरमान लिए ,
देखू उन जंगलो को ,
सिकुडे हर पल भेंट चढ़े ,
मानव विकास की बेदी पर ,
कुर्बानी जिसकी 'आह' लिए ,
ख्यालो की उड़ान लिए ,
बैठ खटोले मे निकला ,
विश्व भ्रमण की चाह लिए ,
मै मन अरमान लिए ,
देखू उन नदियों को ,
जो विश्व-विकास की गाथा थी ,
पानी जिसका हर पल हुए ,
दूषित,कलुषित और कम हुए ,
ख्यालो की उड़ान लिए ,
बैठ खटोले मे निकला ,
विश्व भ्रमण की चाह लिए ,
मै मन अरमान लिए ,
क्रमश: .......

जूते की चाह

जूता मै चमड़े की खाल प्रिये ,
जिससे निकला उसकी 'आह' प्रिये ,
चाह नही मै पैरो मे घिसा जाऊ ,
चाह नही मै ट्रक के आगे लटका जाऊ ,
चाह नही मै बुरी नजर उतारता रहूँ ,
चाह नही मै मिर्गी को भागता रहूँ ,
जूता मै चमड़े की खाल प्रिये ,
जिससे निकला उसकी 'आह' प्रिये ,
कीमत मेरी 'महामना' जाने ,
नवाब के जूते की कीमत सरेआम लगवाई ,
जूता मै चमड़े की खाल प्रिये ,
जिससे निकला उसकी 'आह' प्रिये ,
चाह लगू भ्रष्टाचारियो के मुँह पर
चाह लगू घूसखोरों के मुँह पर ,
चाह लगू कन्याभ्रूण हत्यारों के मुँह पर ,
चाह लगू मिलावटखोरो के मुँह पर ,
जूता मै चमड़े की खाल प्रिये ,
जिससे निकला उसकी 'आह' प्रिये ,
क्रमश: .......

ज्ञान:- फोर्स पत्रिका के अनुसार दुनिया के प्रथम तीन ताकतवर व्यक्ति है -() हूँ जिन्ताओ ,राष्ट्रपति चीन () बराक ओबामा,राष्ट्रपति अमेरिका () अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज अल सऊद,शाह सऊदी अरब

सुख की चाह

एक समय की बात है एक विद्वान जा रहा था , मार्ग मे उसे एक मजदूर नीम के पेड़ के नीचे सोता हुआ दिखाई दिया।
विद्वान ने उसे जगाते हुए कहा - "कुछ काम क्यो नही करते हो ?"
मजदूर ने लेटे हुए कहा - "पेट भरने भर मजदूरी कर लेता हूँ "
"क्या तुम नही चाहते और अधिक काम करो "-विद्वान ने उसे धिक्कारते हुए कहा
"उससे क्या होगा !"
"अधिक कार्य से अधिक धन की प्राप्ति होगी "
"उससे क्या होगा !"
"अधिक धन से अन्न-भूमि की अधिक प्राप्ति होगी "
"उससे क्या होगा !"
"समाज मे तुम्हारी प्रतिष्ठा बढेगी , मान-सम्मान बढेगा "
"उससे क्या होगा !"
"उससे तुम्हे सुख की प्राप्ति होगी "- विद्वान ने खिसियाते हुए कहा।
"वही सुख तो मै ले रहा था , और आपने मुझे जगा दिया "
विद्वान निरुत्तर हो अपने मार्ग पर चला गया

मंत्र

नौकरी करते हुए मनुष्य ऐसे परजीवी (पैरासाइट्स) की भांति होता है, जो अपना जीवनयापन तो कर सकता है लेकिन अपना विकास नहीं कर सकता है।मध्यम आय वर्ग की विशेषता होती है कि वह अपनी आय का लगभग पूरा भाग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों कों पूरा करने ,अपने लिए जमीन खरीद कर मकान बनाने और जीवनयापन करने मे खर्च कर देते है ।जिससे जाने-अनजाने और मजबूरी मे अपनी पूँजी से दूसरो को अमीर बनाते है। जिससे उनकी अगली पीढ़ी मे रोजगार की समस्या फिर जस की तस बनी रहती है। यह एक ऐसा दुष्चक्र है जो आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता है।

भारत स्वाभिमान मंच का एजेण्डा

भारत स्वाभिमान मंच का एजेण्डा निम्नलिखित प्रकार से होना चाहिए :-

१- इस मंच से जुड़े व्यक्तियों को कोई राजनितिक या सार्वजानिक पद नहीं लेना चाहिए , जिससे इनमे पद ,धन और प्रतिष्ठा का लोभ न आ पाए ।

२- उसका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं होना चाहिए ।

३-न्यायालय द्वारा सजायाफ्ता नहीं होना चाहिए, यदि हो तो उसके द्वारा किये गए अपराधो के बारे मे भारत स्वाभिमान मंच के केन्द्रीय कार्यकारिणी मे अवश्य विचार करना चाहिए ।

- सार्वजानिक जीवन मे किसी भी प्रकार के चल-अचल सम्पति का स्वामी नहीं होना चाहिए ।यदि हो तो इमानदारी से उसका भारत स्वाभिमान मंच के द्वारा प्रति वर्ष जारी किये जाने वाले स्वेत-पत्र मे उसका उल्लेख हो।

५- जन सेवा का अच्छा कामकाज तथा रिकार्ड होना चाहिए ।

६- जनता के बीच उसकी सामाजिक छवि अच्छी होनी चाहिए , जिसके बाबत समय-समय पर उसके इलाके मे सर्वे कराकर इस सम्बन्ध मे भारत स्वाभिमान मंच के केन्द्रीय कार्यकारिणी द्वारा जानकारी एकत्र की जा सकती है।
७- देश मे व्याप्त भ्रष्टाचार और कालाबाजारी कों ख़त्म करने का दृढ संकल्प लेना ही नहीं बल्कि वास्तविकता के धरातल पर अपने कार्यो द्वारा अपने संकल्प कों परिलाचछित करना भी है।

८- विदेशो मे जमा काला धन और देश मे एकत्रित काला धन दोनों कों जप्त करके समाजवाद और सर्वजन हिताय के उद्येश्यो के लिए उसका उपयोग देश मे व्याप्त गरीबी,अशिक्षा और बेरोजगारी कों मिटाने मे इमानदारी से प्रयास करना।