चुनाव

भूखा !

तू हर हल मे मरेगा ,

किंतु जरा ,

इस अपने 'खद्दरधारी ' की भी सोच ,

" खड़ा हूँ तेरे सामने ,

और तू बैठा है !

कभी तो सूरज पश्चिम से निकला है"

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