कानून

"कानून राज्य द्वारा निर्मित सबके लिए समान निश्चित मानवीय आचरण के नियम है, जिसका उलंघन करने वाले को दंड दिया जाता है , जिसका आधार जनता की सामान्य इच्छा होती है। "
---किंतु कानून बनाने वाले (सांसद) को ही चुनने मे ही
जनता उदासीन (५०% से भी कम मतदान ) हो
तो उस राज्य का भला भगवान
भी नही कर सकता है।

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